जिंदगी को सुहाना, बनाती है ये यादें...! जिंदगी को सुहाना, बनाती है ये यादें...!
जिंदगी अपंग थी, सहारा देकर, अपाहिज बना दिया...! जिंदगी अपंग थी, सहारा देकर, अपाहिज बना दिया...!
लक्ष्य को पाना है, आसमान को छूना है...! लक्ष्य को पाना है, आसमान को छूना है...!
क्षितिज के उस पार तक, हर शाम लाल होती हैं...! क्षितिज के उस पार तक, हर शाम लाल होती हैं...!
जो तू ना होता, तो ज़िन्दगी में ज़ीने का मज़ा ना होता...! जो तू ना होता, तो ज़िन्दगी में ज़ीने का मज़ा ना होता...!
क्या पता था हमें, सपने भी बिकते हैं जनाब यहाँ... क्या पता था हमें, सपने भी बिकते हैं जनाब यहाँ...